Waqf Amendment Act Supreme Court Hearing 2025 – सुप्रीम कोर्ट ने जताई 3 बड़ी चिंताएं, अगली सुनवाई गुरुवार को

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Waqf Amendment Act Supreme Court Hearing 2025 – सुप्रीम कोर्ट ने जताई 3 बड़ी चिंताएं, अगली सुनवाई गुरुवार को

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 (Waqf Amendment Act 2025) को लेकर सुनवाई हुई, जिसमें केंद्र सरकार और विभिन्न राज्यों ने अपने पक्ष रखने के लिए समय मांगा। इस महत्वपूर्ण सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तीन प्रमुख चिंताएं जताईं और मामले की अगली सुनवाई गुरुवार दोपहर 2 बजे तय की गई।

⚖️ क्या है Waqf (Amendment) Act 2025?

वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 एक ऐसा कानून है जो वक्फ संपत्तियों और उनके प्रबंधन से जुड़ी व्यवस्थाओं में कई महत्वपूर्ण बदलाव करता है। इस अधिनियम को संसद के दोनों सदनों में बहस के बाद पारित किया गया था और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे 5 अप्रैल 2025 को मंजूरी दी।

  • राज्यसभा में वोटिंग: 128 पक्ष में, 95 विपक्ष में
  • लोकसभा में वोटिंग: 288 पक्ष में, 232 विपक्ष में

🧑‍⚖️ सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में मुख्य बिंदु:

1️⃣ वक्फ बाय यूज़र (Waqf by User) की मान्यता

कोर्ट ने सवाल उठाया कि “वक्फ बाय यूज़र” जैसी पुरानी व्यवस्था को अचानक से अमान्य कैसे किया जा सकता है, खासकर जब कई संपत्तियां बिना दस्तावेज़ों के वक्फ घोषित की गई थीं।

2️⃣ वक्फ काउंसिल में गैर-मुस्लिम सदस्यों की बहुमत

सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई कि वक्फ काउंसिल में बहुसंख्यक सदस्य गैर-मुस्लिम क्यों होंगे, जबकि यह एक धार्मिक संस्था है।

3️⃣ जांच लंबित होते हुए संपत्ति को वक्फ से बाहर करने की व्यवस्था

अगर कलेक्टर द्वारा किसी संपत्ति की वक्फ स्थिति पर जांच लंबित है, तो उसे वक्फ न मानने की धारा पर भी कोर्ट ने आपत्ति जताई।

🔥 CJI की टिप्पणी – पश्चिम बंगाल में हिंसा पर चिंता

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन के खिलाफ हो रही हिंसा पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा –

“जब मामला कोर्ट में लंबित है तो ऐसी हिंसा नहीं होनी चाहिए।”

🕋 क्या है Waqf by User?

“वक्फ बाय यूज़र” वह प्रक्रिया है जिसमें कोई संपत्ति लगातार धार्मिक या जनहित उपयोग में होने के कारण वक्फ मानी जाती है, भले ही उसके लिए कोई लिखित घोषणा ना हो।

CJI ने स्पष्ट कहा:

“वक्फ बाय यूज़र को समाप्त करना गलत होगा, यह व्यवस्था वर्षों से मान्य रही है।”

📣 सरकार की दलीलें और कोर्ट की प्रतिक्रियाएं:

  • सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कई मुस्लिम वर्ग वक्फ कानून के तहत नहीं आना चाहते।
  • कोर्ट ने तीखा सवाल किया:

“क्या आप कह रहे हैं कि मुसलमानों को अब हिंदू धार्मिक ट्रस्ट्स का हिस्सा बनने की अनुमति देंगे?”

👨‍⚖️ वरिष्ठ वकीलों की पैरवी:

  • कपिल सिब्बल: सरकार तय नहीं कर सकती कौन मुसलमान है और कौन नहीं, और कौन वक्फ बना सकता है।
  • अभिषेक मनु सिंघवी: यह मामला पूरे भारत को प्रभावित करता है, इसलिए इसे हाईकोर्ट को नहीं सौंपा जाना चाहिए।
  • हुज़ैफा अहमदी: वक्फ बाय यूज़र इस्लाम में स्थापित परंपरा है और इसे खत्म नहीं किया जा सकता।

🧾 कितनी याचिकाएं दाखिल हुईं?

अब तक कुल 72 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं, जिनमें प्रमुख याचिकाकर्ता हैं:

  • AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी
  • ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB)
  • जमीयत उलेमा-ए-हिंद
  • DMK
  • कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और मोहम्मद जावेद

📝 सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की कैविएट

8 अप्रैल को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की, जिससे कोर्ट बिना सरकार की सुने कोई आदेश न दे सके।

🔚 निष्कर्ष:

Waqf Amendment Act 2025 पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई ने देशभर में इस विषय को चर्चा के केंद्र में ला दिया है। इस कानून की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठ रहे हैं और इसका सीधा असर मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों पर पड़ सकता है।

आने वाली सुनवाई इस बात को स्पष्ट करेगी कि क्या यह कानून वक्फ परंपराओं के अनुरूप है या नहीं।

📌 महत्वपूर्ण लिंक:

क्र.लिंक विवरणलिंक
1.वक्फ अधिनियम 2025 पूरा पढ़ेंयहाँ क्लिक करें
2.सुप्रीम कोर्ट की याचिकाएं देखेंयहाँ क्लिक करें
3.संसद में वक्फ संशोधन बिल की बहसयहाँ क्लिक करें
4.AIMPLB की प्रतिक्रियायहाँ क्लिक करें
5.सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइटsupremecourt.gov.in
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