सूर्य ग्रहण Surya Grahan 2025: तिथि, भारत में समय, सूतक काल और महत्वपूर्ण जानकारी

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सूर्य ग्रहण Surya Grahan 2025: तिथि, भारत में समय, सूतक काल और महत्वपूर्ण जानकारी | 29 मार्च, 2025 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह खगोलीय घटना न केवल विज्ञान के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी इसका गहरा प्रभाव माना जाता है। इस बार सूर्य ग्रहण के दिन चैत्र अमावस्या का संयोग भी बन रहा है, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। तो चलिए, इस सूर्य ग्रहण के बारे में विस्तार से जानते हैं।

सूर्य ग्रहण 2025: भारत में समय और दृश्यता

साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च, शनिवार को लगेगा। भारतीय समयानुसार, यह ग्रहण दोपहर 2 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा। इस खगोलीय घटना की कुल अवधि 3 घंटे 53 मिनट होगी। हालांकि, यह जानना महत्वपूर्ण है कि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।

भारत में सूर्य ग्रहण की दृश्यता और सूतक काल

चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहाँ सूतक काल मान्य नहीं होगा। इसका अर्थ है कि भारत में लोगों की दिनचर्या सामान्य रहेगी और किसी भी प्रकार के धार्मिक या आध्यात्मिक प्रतिबंधों का पालन करने की आवश्यकता नहीं होगी। शास्त्रों के अनुसार, सूतक काल का प्रभाव केवल उन क्षेत्रों में पड़ता है जहाँ ग्रहण दिखाई देता है।

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सूर्य ग्रहण 2025: Surya Grahan कहाँ दिखाई देगा?

यह सूर्य ग्रहण निम्नलिखित क्षेत्रों में दिखाई देगा:

  • दक्षिण अमेरिका
  • आंशिक उत्तरी अमेरिका
  • उत्तरी एशिया
  • उत्तर-पश्चिम अफ्रीका
  • यूरोप
  • उत्तरी ध्रुव
  • आर्कटिक महासागर
  • अटलांटिक महासागर

सूर्य ग्रहण: एक खगोलीय घटना सूर्य ग्रहण 2025 भारत समय

सूर्य ग्रहण तब घटित होता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पूरी तरह या आंशिक रूप से नहीं पहुंच पाता है। इस स्थिति में, चंद्रमा सूर्य को आंशिक या पूर्ण रूप से ढक लेता है, जिससे पृथ्वी पर उसकी छाया पड़ती है। 2025 का सूर्य ग्रहण आंशिक होगा, जिसका अर्थ है कि चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढकेगा।

सूर्य ग्रहण का ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है। यह माना जाता है कि ग्रहण का प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकता है, और यह लंबे समय तक बना रह सकता है। 29 मार्च को शनि अमावस्या का संयोग भी बन रहा है, जिससे इस ग्रहण का महत्व और भी बढ़ जाता है।

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें?

यद्यपि 2025 का सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, फिर भी कुछ सामान्य सावधानियां और धार्मिक मान्यताएं हैं जिनका पालन किया जाता है:

  • ग्रहण के बाद स्नान: ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान करना शुभ माना जाता है।
  • घर की शुद्धि: ग्रहण के बाद पूरे घर और देवी-देवताओं को शुद्ध करना चाहिए।
  • सीधे सूर्य को न देखें: ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य को देखने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे आँखों को नुकसान हो सकता है।
  • बाहर निकलने से बचें: ग्रहण के दौरान अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें।
  • नकारात्मक कार्यों से बचें: ग्रहण के दौरान किसी भी नकारात्मक कार्य से बचें।
  • हनुमान जी की उपासना: ग्रहण के बाद हनुमान जी की उपासना करना शुभ माना जाता है।

सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन निषेध: धार्मिक मान्यताएं

धार्मिक शास्त्रों में, विशेष रूप से स्कंद पुराण में, सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करने से बचने की सलाह दी गई है। यह माना जाता है कि ग्रहण के दौरान भोजन करने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और पुण्य कर्म नष्ट हो जाते हैं।

अस्वीकरण:

इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों पर आधारित है। ग्रहण से संबंधित धार्मिक मान्यताओं और प्रथाओं का पालन करना व्यक्तिगत विश्वास और परंपरा पर निर्भर करता है। कृपया किसी भी महत्वपूर्ण धार्मिक गतिविधि को करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।

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