Mazaka Movie Review: Mazaka फिल्म की कहानी एक पिता-पुत्र की जोड़ी वेंकट रमण (राव रमेश) और कृष्णा (सुनीप किशन) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो विशाखापट्टनम में अपनी-अपनी प्रेम कहानियों में उलझे हुए हैं। कृष्णा मीरा (ऋतु वर्मा) को दिल दे बैठता है, वहीं वेंकट रमण यशोदा (अंशु) की ओर आकर्षित होते हैं। लेकिन जब बिजनेस टायकून भार्गव वर्मा (मुरली शर्मा) एक ऐसा ट्विस्ट लाते हैं जो इनकी प्रेम कहानियों को चुनौती देता है, तो हलचल मच जाती है।
Table of Contents
रिव्यू:
निर्देशन और पटकथा:
त्रिनाधा राव नक्कीना के निर्देशन में बनी यह फिल्म हल्के-फुल्के हास्य से भरपूर है, जिसकी शुरुआत मजेदार अंदाज में होती है। पहले हाफ में शानदार कॉमेडी और बेहतरीन सिचुएशनल ह्यूमर दर्शकों को बांधे रखता है, लेकिन दूसरा हाफ कुछ कमजोर साबित होता है। कहानी में ट्विस्ट और इमोशनल सीन कुछ जगहों पर असरदार लगते हैं, तो कुछ स्थानों पर जबरदस्ती ठूंसे गए प्रतीत होते हैं।
अभिनय:
- सुनीप किशन ने कृष्णा के रूप में शानदार अभिनय किया है और उन्होंने कॉमेडी और इमोशनल सीन दोनों को अच्छी तरह निभाया है।
- राव रमेश का अभिनय सबसे प्रभावशाली रहा, खासकर उनके हाव-भाव और कॉमिक टाइमिंग कमाल की रही। पिता और प्रेमी के रूप में उनका ट्रांज़िशन देखने लायक है।
- ऋतु वर्मा अपनी भूमिका में आकर्षक लगीं, लेकिन उनके किरदार को और बेहतर ढंग से लिखा जा सकता था।
- अंशु, जो लंबे समय बाद पर्दे पर लौटी हैं, ने यशोदा के रूप में दमदार प्रदर्शन किया।
- मुरली शर्मा ने भार्गव वर्मा के रूप में सशक्त भूमिका निभाई, लेकिन उनका किरदार एकतरफा महसूस हुआ।
- अजय एक पुलिस अधिकारी और लेखक के रूप में हंसी का पुट जोड़ते हैं, जबकि हाइपर आदि कृष्णा के दोस्त के रूप में कॉमेडी का तड़का लगाते हैं।
संगीत और तकनीकी पक्ष:
- लीऑन जेम्स का संगीत मिला-जुला है, कुछ गाने शानदार हैं, लेकिन कुछ जबरदस्ती डाले गए लगते हैं।
- बैकग्राउंड स्कोर कहानी को सपोर्ट करता है, लेकिन उसे और प्रभावी बनाया जा सकता था।
- निजार शफी की सिनेमैटोग्राफी विशाखापट्टनम की खूबसूरती को अच्छे से दिखाती है।
- चोटा के प्रसाद की एडिटिंग संतोषजनक है, लेकिन फिल्म को और कसा जा सकता था।
क्या यह फिल्म देखनी चाहिए? अगर आप हल्के-फुल्के मनोरंजन के शौकीन हैं और कुछ ज़्यादा गंभीर उम्मीद नहीं रखते, तो Mazaka आपको पसंद आ सकती है। हालांकि, फिल्म की लंबाई और कमजोर सेकंड हाफ कुछ दर्शकों को निराश कर सकता है।
प्लस पॉइंट्स:
✔ राव रमेश और सुनीप किशन की दमदार एक्टिंग
✔ पहले हाफ की बेहतरीन कॉमेडी
✔ सिनेमैटोग्राफी और लोकेशन
माइनस पॉइंट्स:
❌ कमजोर सेकंड हाफ
❌ जबरदस्ती के गाने और लंबाई अधिक
❌ कुछ किरदारों की कमज़ोर गहराई
अंतिम निर्णय:
Mazaka एक हल्की-फुल्की पारिवारिक मनोरंजक फिल्म है, जिसे बिना किसी गंभीर अपेक्षा के देखा जा सकता है। यह हंसाने के साथ-साथ कुछ इमोशनल मोमेंट्स भी देती है, लेकिन यह कोई नई या अनूठी कहानी नहीं पेश करती। अगर आप अच्छी कॉमिक टाइमिंग और हल्की-फुल्की कहानी के फैन हैं, तो इसे एक बार देख सकते हैं।
अंतिम रेटिंग: ⭐⭐✨ (2.5/5)