Guru Ravidas Jayanti 2025: गुरु रविदास जयंती 2025 (Ravidas Jayanti 2025) भारत के प्रसिद्ध संतों और समाज सुधारकों में से एक संत गुरु रविदास की जयंती का पर्व है। उन्होंने समाज में व्याप्त जातिवाद, छुआछूत और अन्य कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और भक्ति आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
गुरु रविदास का जीवन आध्यात्मिकता और सामाजिक सुधार का संदेश देता है। उनकी शिक्षाएं आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं। हर साल गुरु रविदास जयंती को पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि गुरु रविदास जयंती 2025 कब मनाई जाएगी, इसका महत्व और इतिहास।
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गुरु रविदास जयंती 2025 कब मनाई जाएगी? Guru Ravidas Jayanti
Guru Ravidas Jayanti 2025 Kab Hai: गुरु रविदास जी का जन्म माघ पूर्णिमा के दिन हुआ था, इसलिए हर साल माघ माह की पूर्णिमा तिथि पर उनकी जयंती मनाई जाती है।
📌 गुरु रविदास जयंती 2025 की तिथि:
🗓 बुधवार, 12 फरवरी 2025
यह दिन संत रविदास जी की शिक्षाओं को याद करने और उनके विचारों को अपनाने का सुनहरा अवसर है। इस दिन देशभर में उनके अनुयायी भजन-कीर्तन, सत्संग, प्रभात फेरी और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
गुरु रविदास का जीवन परिचय
📌 जन्म स्थान: वाराणसी, उत्तर प्रदेश
📌 जन्म तिथि: माघ पूर्णिमा (साल 1377 ईस्वी अनुमानित)
📌 परिवार: मोची परिवार में जन्म
📌 मुख्य योगदान: भक्ति आंदोलन, समाज सुधार, भजन-कीर्तन और दोहों की रचना
📌 अनुयायी: मीरा बाई सहित कई भक्तों ने उन्हें गुरु माना
गुरु रविदास जी का जन्म एक मोची परिवार में हुआ था, लेकिन उन्होंने सामाजिक असमानता को खत्म करने और आध्यात्मिक ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए अपनी पूरी जिंदगी समाज को समर्पित कर दी। उन्होंने कहा था –
“जात-पात के फेर में उलझे जो लोग, वे सच्चे भक्ति मार्ग को कभी नहीं पा सकते।”
उनके दोहे आज भी लोगों को समाज में समानता, आत्मनिर्भरता और प्रेम का संदेश देते हैं।
गुरु रविदास जी के प्रमुख योगदान
1. भक्ति आंदोलन में अहम भूमिका
गुरु रविदास जी भक्ति आंदोलन के प्रमुख संतों में से एक थे। उन्होंने लोगों को जातिवाद से ऊपर उठकर एकता और प्रेम की राह पर चलने का संदेश दिया।
2. समाज सुधारक के रूप में योगदान
🔹 उन्होंने जातिवाद, छुआछूत और सामाजिक असमानता का विरोध किया।
🔹 उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से सभी को समानता और भाईचारे का संदेश दिया।
🔹 उनके विचारों से प्रभावित होकर मीरा बाई ने उन्हें अपना गुरु माना।
3. आध्यात्मिक रचनाएँ और दोहे
गुरु रविदास जी ने अपने जीवन में कई दोहों और भजनों की रचना की। उनके दोहे आज भी समाज को सही दिशा में चलने की प्रेरणा देते हैं।
प्रसिद्ध दोहा:
“मन चंगा तो कठौती में गंगा।”
(अर्थ: यदि मन शुद्ध है, तो किसी भी स्थान पर पवित्रता प्राप्त की जा सकती है।)
4. गुरुग्रंथ साहिब में योगदान
गुरु रविदास जी की शिक्षाएँ सिर्फ हिंदू धर्म तक ही सीमित नहीं रहीं, बल्कि सिख धर्म के लोग भी उन्हें श्रद्धा भाव से मानते हैं। उनकी 41 रचनाएँ सिखों के पवित्र ग्रंथ “गुरुग्रंथ साहिब” में संकलित हैं।
गुरु रविदास जयंती 2025 का महत्व
🔹 संत रविदास के विचारों का प्रचार-प्रसार करना।
🔹 समानता, भाईचारे और प्रेम का संदेश फैलाना।
🔹 जातिवाद और भेदभाव को समाप्त करने की प्रेरणा देना।
🔹 आध्यात्मिकता और भक्ति मार्ग को अपनाने के लिए प्रेरित करना।
इस दिन देशभर में सत्संग, प्रभात फेरी, भजन-कीर्तन और धार्मिक सभाओं का आयोजन किया जाता है। लोग मंदिरों में जाकर संत रविदास जी की पूजा-अर्चना करते हैं और उनके विचारों का अनुसरण करने का संकल्प लेते हैं।
गुरु रविदास जयंती 2025 कैसे मनाई जाएगी? Ravidas Jayanti Celebration
📌 विशेष कार्यक्रम:
✅ संत रविदास जी की शिक्षाओं पर प्रवचन
✅ भजन-कीर्तन और सत्संग
✅ प्रभात फेरी (सुबह की शोभायात्रा)
✅ गुरुद्वारों और मंदिरों में विशेष पूजा
✅ जरूरतमंद लोगों को भोजन और दान देना
इस दिन लोग गुरु रविदास जी की शिक्षाओं का पालन करने और समाज में समरसता बनाए रखने की शपथ लेते हैं।
निष्कर्ष : Sant Ravidas Jayanti 202
गुरु रविदास जयंती 2025 12 फरवरी को पूरे भारत में धूमधाम से मनाई जाएगी। गुरु रविदास जी ने अपने जीवन में समानता, प्रेम और भक्ति का संदेश दिया, जिसे हम सभी को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। उनकी शिक्षाएँ आज भी सामाजिक बुराइयों को दूर करने और एकता की भावना को बढ़ाने में सहायक हैं।
गुरु रविदास जी का संदेश था –
“ऐसा चाहूँ राज मैं, जहाँ मिले सबन को अन्न। छोट बड़ो सब सम बसै, रविदास रहे प्रसन्न।”
(अर्थ: मैं ऐसा संसार चाहता हूँ, जहाँ सभी को भोजन मिले, और कोई भी जात-पात के बंधनों में न बँधे।)
🙏 गुरु रविदास जी की जयंती पर हम सभी उनके विचारों को आत्मसात करें और समाज में प्रेम और समानता का संदेश फैलाएँ।