Chhattisgarh Caste Certificate 2025 :छत्तीसगढ़ में बच्चों के जाति प्रमाण पत्र अब आंगनबाड़ियों में बनेंगे, प्रक्रिया इसी महीने से शुरू
छत्तीसगढ़ के पैरेंट्स के लिए एक अच्छी खबर है। अब उनके बच्चों के जाति प्रमाण पत्र आंगनबाड़ी केंद्रों में ही बनाए जाएंगे। यह प्रक्रिया इसी महीने से शुरू हो रही है। कलेक्टर अजीत वसंत ने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को निर्देश दिए हैं कि वे एक महीने के भीतर टिन शेड वाले विद्यालयों, जर्जर भवनों, किचन शेड और शौचालय की आवश्यकताओं वाले विद्यालयों की जानकारी एकत्र कर प्रस्ताव प्रस्तुत करें।
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जाति प्रमाण पत्र बनाने के निर्देश:
- आंगनबाड़ी केंद्रों के वे बच्चे, जो इस सत्र में कक्षा एक में प्रवेश करने वाले हैं, उनके जाति प्रमाण पत्र 16 जून तक अनिवार्य रूप से बनाए जाएं।
- कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग (WCD) की डीपीओ को निर्देशित किया है कि वे सीडीपीओ और सुपरवाइजरों की बैठक लेकर इस कार्य को सुनिश्चित करें।
- सभी एसडीएम को अप्रैल-मई माह से जाति प्रमाण पत्र जारी करने और 16 जून से पहले इसे पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
- यदि किसी विद्यार्थी के पास जाति प्रमाण का आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं है, तो परिवार के अन्य सदस्यों के दस्तावेज अथवा ग्रामसभा प्रस्ताव के आधार पर प्रमाण पत्र बनाया जाए।
अन्य महत्वपूर्ण निर्देश:Chhattisgarh Caste Certificate
- कलेक्टर ने सभी विभागीय अधिकारियों को शासन की योजनाओं का सही क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और आम नागरिकों की समस्याओं का फील्ड पर जाकर निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
- उन्होंने पंचायत, कृषि और राजस्व विभागों से संबंधित प्रकरणों को प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए।
- सभी अधिकारियों को सोमवार और मंगलवार को मुख्यालय में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं।
- पटवारी, सचिव और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को मुख्यालय में निवास करने को कहा गया।
- सभी विभागों को DMF के तहत मासिक एक्शन प्लान बनाने तथा सड़क, पुल, स्वास्थ्य और जनहित से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता देने को कहा गया।
- कलेक्टर ने विभागीय जांच के लंबित प्रकरणों को शीघ्र निपटाने के निर्देश दिए।
- राजस्व विभाग से संबंधित सीमांकन प्रकरणों को प्राथमिकता देने की बात कही।
- कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्रों में आंतरिक विद्युतीकरण कराने और नगरीय निकाय क्षेत्रों में नए आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण को लेकर डीपीओ को निर्देश दिए।
- उन्होंने विवादित आंगनबाड़ी केंद्रों के मामलों को स्थानीय स्तर पर हल करने तथा समाधान न होने की स्थिति में तहसीलदार से समन्वय स्थापित करने को कहा।
- उन्होंने शहरी क्षेत्र के 23 आंगनबाड़ी भवनों के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी करने के भी निर्देश दिए।
- कलेक्टर ने जनपद स्तर पर समितियों का गठन शीघ्र करने, आश्रम विद्यालयों में भवनों की कमी को चिन्हित कर प्रस्ताव तैयार करने, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (Rural Engineering Services) विभाग को मानक अनुमान (Standard Estimate) तैयार करने के निर्देश दिए।
- उन्होंने मल्टी-लेवल पार्किंग, दूरस्थ क्षेत्रों में विद्युतीकरण, सखी वन स्टॉप सेंटर, गर्ल्स हॉस्टल में सुविधाएं, हरदीबाजार कॉलेज शिफ्टिंग, अंत्यावसायी ऋण वसूली जैसे मुद्दों पर समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
- कलेक्टर ने अटल मॉनिटरिंग डैशबोर्ड के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) ग्रामीण एवं शहरी, महतारी वंदन योजना, राजस्व और स्वामित्व योजना की भी समीक्षा की।
- सभी एसडीएम को निर्देश दिया गया कि वे जनपद सीईओ और सचिवों की बैठक लेकर पीएम आवास के निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराएं। निर्माण में देरी करने वालों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए।
- कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग (WCD) के डीपीओ को निर्देशित किया कि महतारी वंदन योजना के तहत पात्र महिलाओं को समय पर लाभान्वित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करें।
- राजस्व न्यायालय में लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए एक वर्ष से अधिक समय तक लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता से निपटाने के निर्देश दिए। तहसीलवार समीक्षा में सीमांकन, नक्शा बटांकन, त्रुटि सुधार, आरबीसी 6-4 के प्रकरणों को शीघ्र निपटाने को कहा गया। उन्होंने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए।
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाने की पहल एक महत्वपूर्ण और स्वागत योग्य कदम है। इससे न केवल अभिभावकों को सुविधा होगी, बल्कि बच्चों को भी समय पर आवश्यक दस्तावेज प्राप्त हो सकेंगे। यह कदम शिक्षा और सामाजिक न्याय के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस पहल के माध्यम से, उन परिवारों को विशेष रूप से लाभ होगा जो दूरदराज के क्षेत्रों में रहते हैं और जिनके पास प्रशासनिक कार्यालयों तक पहुंचने के लिए सीमित संसाधन हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में ही जाति प्रमाण पत्र बनने से, प्रक्रिया सरल और सुलभ हो जाएगी।
कलेक्टर अजीत वसंत द्वारा दिए गए निर्देश यह सुनिश्चित करते हैं कि यह प्रक्रिया समयबद्ध और प्रभावी ढंग से लागू की जाए। शिक्षा, राजस्व और महिला एवं बाल विकास विभागों का समन्वय इस पहल की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
इसके साथ ही, अन्य सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और जन समस्याओं के समाधान पर भी कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देश यह दर्शाते हैं कि प्रशासन नागरिकों की सुविधा और कल्याण के प्रति कितना सजग है। इन निर्देशों का सही पालन सुनिश्चित करने से, राज्य में विकास और सामाजिक न्याय को बढ़ावा मिलेगा।
अंततः, यह पहल छत्तीसगढ़ में बच्चों और उनके परिवारों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायक होगी। सरकार का यह प्रयास सराहनीय है और इसे अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण के रूप में देखा जाना चाहिए।