AI biological age test: अब सिर्फ 5 बूंद खून से जानें अपनी असली उम्र | AI biological age test: जापान के वैज्ञानिकों ने बनाई नई तकनीक, 5 बूंद खून से जानें असली उम्र, तनाव और कॉर्टिसोल का असर, और भविष्य में बुढ़ापे को रोकने के उपाय
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AI biological age test: अब सिर्फ 5 बूंद खून से जानें अपनी असली उम्र
जापान के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी एआई तकनीक विकसित की है जो वास्तविक जैविक आयु का अनुमान लगा सकती है। ये तकनीक बुढ़ापा रोकने की दिशा में बड़ा कदम हो सकती है। जानिए कैसे काम करता है यह एआई मॉडल।
Blood test for aging process:
किसी व्यक्ति की उम्र सिर्फ सालों में नहीं, बल्कि उसके शरीर की वास्तविक स्थिति के आधार पर भी आंकी जा सकती है। जापान के ओसाका विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक नई एआई (AI biological age test) तकनीक विकसित की है, जो केवल पांच बूंद खून से शरीर की वास्तविक जैविक आयु का अनुमान लगा सकती है। यह विधि व्यक्ति के जन्म के वर्षों की गिनती करने के बजाय, उसके शरीर की वास्तविक उम्र का आकलन करती है।
कैसे काम करता है यह एआई मॉडल?
वैज्ञानिकों ने 22 प्रमुख स्टेरॉयड और उनके बीच की अंतःक्रियाओं का विश्लेषण करने के लिए एक डीप न्यूरल नेटवर्क विकसित किया है। यह मॉडल स्टेरॉयड हार्मोन के चयापचय को समझकर शरीर की वास्तविक जैविक उम्र का पता लगाता है।
कॉर्टिसोल और तनाव हार्मोन Cortisol impact on aging
शोध में पाया गया कि कॉर्टिसोल, जो तनाव हार्मोन के रूप में जाना जाता है, जैविक उम्र बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। जब शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर दोगुना हो जाता है, तो जैविक आयु लगभग 1.5 गुना बढ़ जाती है। इसका अर्थ है कि दीर्घकालिक तनाव शरीर की उम्र बढ़ाने में योगदान कर सकता है।
इस नई तकनीक का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह उम्र से संबंधित बीमारियों के शुरुआती पहचान में मदद कर सकती है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य निगरानी के अलावा, यह भविष्य में अनुकूलित स्वास्थ्य कार्यक्रम और जीवनशैली परिवर्तन के सुझाव देने में भी सक्षम हो सकती है।
भविष्य के लिए क्या महत्वपूर्ण है?
- तनाव प्रबंधन: चूंकि तनाव जैविक उम्र को प्रभावित कर सकता है, इसलिए योग, ध्यान और व्यायाम जैसी तकनीकों को अपनाना फायदेमंद हो सकता है।
- स्वस्थ आहार: पोषणयुक्त भोजन और एंटीऑक्सीडेंट्स का सेवन शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है।
- नियमित स्वास्थ्य जांच: इस तकनीक से समय-समय पर जैविक उम्र का पता लगाकर सही जीवनशैली अपनाई जा सकती है।
क्या यह भविष्य परिवर्तन हो सकता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में यह एआई मॉडल न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य निगरानी में मदद करेगा, बल्कि इससे बुढ़ापे को धीमा करने और दीर्घायु को बढ़ावा देने में भी सहायता मिल सकती है।
इस नई तकनीक से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को समझने में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह खोज लोगों को अधिक स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने में मदद करेगी।
नई रिसर्च में खुलासा, Ultra Processed Foods बनें Aging की वजह
हाल के शोधों में यह बात सामने आई है कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन जैविक उम्र को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इनमें मौजूद केमिकल्स और प्रिजर्वेटिव्स शरीर के सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
निष्कर्ष
AI biological age test जैसी तकनीकें भविष्य में स्वास्थ्य देखभाल में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं। यह तकनीक हमें अपने शरीर की वास्तविक उम्र जानने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में मदद करेगी।
अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। चिकित्सा सलाह के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।