कब होही तो दर्शन बुडा देव
कब होही तोर दर्शन बुडा देव
कब होही तोर दर्शन -2
चढ़ – अहो आंखी मुंदाही सुवा उड़ाही
तब होबे का परसन…………………………….
01अहो मन मंदिर मा तोला बसाके,
तोरेच सुरता लमाथाव |
तोरे सेवा ले तोरे दुवारी म
जाके माथ नवाथाव ||
चढ़ – अहो संज्ञा बिहिनिया तोर बुडा देव
करथव मैं हा सुमिरन ……………………………..
02. अहो ये माटी के पुतरी बुढादेव
माटी मा मिल जाहू |
जब तक चलही मोर श्वासा
सेवा ला तोर गाहू ||
चढ़ – अहो जियत मरत ले मोर बुढा देव
तोरेच बार हे तन मन………………………………..
03.अहो मरना तो हावय सब ला एक दिन
कोन ला हावय रहना
इही माटी के बिछौना||
चढ़ – अहो तोर परसादे जीयत हावन
तोर परसादे मरथन………………………………………………
04. अहो तोर लागा ला कईसे चुकाहू
बेटा हरव मैं तोरे |
तोर लहू के बूंद ले बुढा देव
तन हा बने हे मोरे ||
चढ़ – अहो दरशन कोया जन ल
कोशरिया होही धन धन ………………………..